Photo Credit : Outlook India प्र धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सरकार गठन के बाद से ही देश के तथाकथित चौथे स्तंभ पर शिकांजा कसना शुरू कर दिया है। इसका पहला प्रमाण तब मिला जब अपनी विदेश यात्राओं पर उन्होंने पत्रकारों की संख्या को काट दिया। प्रधानमंत्री के साथ विदेश दौरों पर जाने वाली पत्रकारों की टोली की परंपरा को नरेंद्र मोदी ने खत्म कर दिया। इस कदम के दो पहलुओं में से एक पहलु को लोगों ने सराहहा तो दूसरे पहलु पर ध्यान न देना वाजिब नहीं है। प्रधानमंत्री के साथ सरकारी खजाने पर विदेशों में मजे लुटने वाले पत्रकारों को रोक प्रधानमंत्री ने भले ही जनता के टैक्स से होने वाले खर्चों में थोड़ी कटौती कर दी हो लेकिन बावजूद इसके प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम से मीडिया के साथ साथ देश के आवाम को अप्रतयक्ष रूप के काफी बड़ा नुकसान हो रहा है। मीडिया केवल खबरों को पहुंचान का काम ही नही करी बल्कि सरकार व जनता के बीच संवाद भी स्थापित करती है। एक ऐसा संवाद जिसमें दोनों तरफों से संवाद की संभावाना हो, जहां दोनों तरफ के विचारों व संवादों को एक दूसरे तक पहुंचाया जा सके। लेकिन विदेश यात्राओं में व्यस्त रह...