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Showing posts from 2017

सरकारी प्रेम की कहानी!

इस मॉडर्न हो चुके जमाने में भी कई सदियों पीछे थी उनकी सो कॉल्ड प्रेमकथा। उसे केंद्र सरकार की योजनाओं की तरह फंड तो मिलता था लेकिन हकीकत में उसका उपयोग न हो पाता था। वट्सएप और फेसबुक की दुनिया से दोनों मुखातिब तो थे। लेकिन पुरानी फिल्मों की तरह मॉडर्न पत्राचार ब्लॉग के जरिए ही होता था।  वह रात में उल्लू की तरह बैठकर लिखता तो वह वहां सात समुद्र पार भोर में उठी किसी गौरेया की तरह उसे पढ़ती।  कभी गुस्साती या शर्माती तो 12 रुपये प्रति मिनट की कॉल दर से यहां इस उल्लू को नींद से जगा देती। कभी हफ्ते-15 दिन में दोनों अपनी स्टोरी के लो बजट को भूल, 80-90 मिनट तक बातें ही करते रहते। पता नहीं क्या मिलता था ऐसी बातों से...  खैर, अब न और पत्राचार होगा और न ही कॉल रेट की टेंशन... गुड बाय... टेक केयर, विथ लव फ्रॉम इंडिया

बरसात के मौसम में तुम, मैं और यह सफऱ!

"रख सकते हो तुम मेरे कंधे पर हाथ" सर के पीछे विकास का हाथों को महसूस कर रोशनी ने कहा...  "अधिकार नहीं है मुझे... I don't have the rights" हाथों को झट से नीचे खींचते हुए विकास ने कहा था  "अच्छा!! ज़रूरी है कि हर किसी चीज़ के लिए राइट हो ?" "हहम्म...हाँ! ज़रूरी है" दोनों चुप चाप चलने लगे... दोनों को जल्दी थी। विकास को ऑफ़िस पहुँचना था और रोशनी को घर। लेकिन बावजूद इसके दोनो के क़दम जैसे बढ़ ही नहीं रहे थे। कॉफ़ी हाउस से मेट्रो की तरफ़ बढ़ते उनके क़दम के बीच कहीं ख़ामोशी, कोई सन्नाटा था! इस बीच दोनों के हाथों की छोटी ऊँगली कब एक दूसरे के साथ हो गयी पता ही नहीं चला। राजीव चौक से रोशनी को घर जाने के लिए येलो लाइन की मेट्रो पकड़नी थी तो विकास को ऑफ़िस जाने के लिए स्टेशन के बाहर से ऑटो! रोशनी ने ज़िद्द की कि मुझे मेट्रो स्टेशन के अंदर तक तो छोड़ दो।  "यार मुझे ऑफ़िस के लिए लेट हो रहा है... मुझे निकलना है..." "अच्छा... तो चल तेरे ऑफ़िस चलते हैं। मैं वहाँ से मेट्रो ले लूँगी " "ठीक है... This is good" मुँह बनाते

नदी तुम, मैं पत्थर

I wrote these lines in Rishikesh.   "वो नदी सी बहती है, मैं पत्थर सा मिल जाता हूं वो आगे नई हो जाती है, मैं वहीं खड़ा रह जाता हूं ताकत है, शक्ति है वो न जाने कितनों की आफत है, मिलती प्यार से सहलाती है, छूकर किनारा मेरा सब ले जाती है माया है, छाया है न जाने कितनों की वो काया है, मुझे पुचकार कर भी न जाने क्यों उसने ठुकराया है"