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बिकाऊ धर्म, बिकता क्रिकेट

                   बिकाऊ धर्म, बिकता क्रिकेट विदेशी धरती से  धर्म बनकर, जहन में जूनून बनकर और प्रेमी की प्रेमिका बनकर आए तुम…। जी हाँ यहां बात हो रही है विदेशी खेल क्रिकेट की। जिसकी छाप आज पूरे भारत में है। घर का बच्चा- बच्चा क्रिकेट का दीवाना है। स्थिति यह है कि राष्ट्र के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के बारे में शायद ही उन्हें जानकारी न हो परंतु देश कि क्रिकेट टीम के बारे में उन्हें अवश्य भली-भाँति पता होगा। इस खेल में भी उठा-पटक लगी रहती है। चाहे चौंकों, छक्कों से या करोड़ों पैसों से चमचमाते खिलाड़ियों से। सालों से चले आए दो प्रकार के व्रिफकेट मैचों की परंपरा को छोड़ जन्म लिया एक और शनदार प्रकार ने, जी हां 20-20। इसके आते ही दर्शकों व खेल प्रमियों में उत्सुकता, जिज्ञासा, व जोश की एक तीव्र लहर दौड़ पड़ी। इसी लहर कि हंुकार को रोमांच से परिपूर्ण करते हुए बाजारवाद के स्वरूप से जन्मा आईपीएल ;इंडियन प्रिमियर लीगद्ध। इसके आगाज से ही देश का र्ध्म बन चुके खेल का बजारवाद प्रारंभ हो ग...